भारत में 2025 की ट्रेंडिंग टेक्नोलॉजीः एक नए युग का आरंभ

टेक्नोलॉजी की दुनिया निरंतर विकासशील है और 2025 में कई अत्याधुनिक प्रवृत्तियाँ उभरकर सामने आई हैं। भारत में विशेष रूप से क्वांटम कंप्यूटिंग और डेटा सेंटर उद्योग में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। इसके साथ ही, 5G-एडवांस, नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 और ग्रीन टेक्नोलॉजी की डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिल रहा है।

1. क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत की छलांग


अप्रैल 2025 में भारतीय स्टार्टअप QpiAI ने 25-क्यूबिट का सुपरकंडक्टिंग क्वांटम कंप्यूटर “QpiAI-Indus” लॉन्च किया—यह भारत का पहला “फुल-स्टैक” सिस्टम है, जो हार्डवेयर, कंट्रोल सॉफ़्टवेयर और AI-सक्षम समाधान को एकीकृत करता है। 


यह पहल National Quantum Mission के अंतर्गत है, जिसका बजट ₹6003.65 करोड़ है और यह 2023–24 से 2030–31 तक लागू रहेगा। इसके तहत IISc, IIT-Madras, IIT-Bombay, IIT-Delhi जैसे प्रमुख संस्थानों में Thematic Hubs बनाए गए हैं। 



निष्कर्ष: भारत ने क्वांटम कंप्यूटिंग में वास्तविक और प्रभावशाली कदम उठाते हुए वैश्विक मानचित्र पर अपनी पहचान बनाई है।

2. डेटा सेंटर इंडस्ट्री में तीव्र विस्तार


भारत की डेटा सेंटर क्षमता वर्तमान में लगभग 950 MW है, जिसे 2026 तक ~1800 MW तक पहुंचाने का लक्ष्य है। 


यह उद्योग वर्तमान में तेज़ी से बढ़ रहा है—2021 में इसका मूल्य $1.2 बिलियन था, और 2026 तक $8 बिलियन पहुँचने का अनुमान है। 


कई क्षेत्रीय शहरों में "Edge Data Centers" की स्थापना की जा रही है ताकि लेटेंसी कम हो और सेवा की गुणवत्ता बेहतर हो सके। 



निष्कर्ष: भारत में डिजिटल मूलभूत संरचना तेजी से मजबूत हो रही है, जिससे हर तरह के डेटा संचरण और प्रोसेसिंग की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।

3. 5G-एडवांस (5.5G): अगली पीढ़ी का कनेक्टिविटी


5G-एडवांस, 3GPP Release-18 स्टैंडर्ड के अंतर्गत आने वाला एक उन्नत नेटवर्क है, जो संभावित रूप से 10Gbps तक डाउनलिंक, 1Gbps अपलिंक और बिलियन-डिवाइस कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इसमें AI/ML सशक्त ऑपरेशन, नेटवर्क स्लाइसिंग, और ऑटोनॉमस वाहनों जैसे एप्लिकेशन के लिए न्यूनतम लेटेंसी शामिल है। 



निष्कर्ष: यह तकनीक भविष्य में स्मार्ट शहरों (Smart Cities), औद्योगिक स्वचालन और रियल-टाइम सेवाओं को एक नए स्तर पर ले जाएगी।

4. नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 (NBM 2.0)


NBM 2.0 की घोषणा 17 जनवरी 2025 को की गई, जिसका लक्ष्य 2030 तक 2.70 लाख ग्रामीण गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क फैलाना और स्कूले, पंचायत, स्वास्थ्य केंद्रों को 90% तक इंटरनेट से जोड़ना है। 


इसके तहत देश की फ़िक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड को वर्तमान ~63.55 Mbps से 100 Mbps तक लाने की योजना है। 



निष्कर्ष: यह पहल डिजिटल समावेशन को नए आयाम पर ले जाएगी, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी सेवाओं का स्तर ग्रामीण इलाकों में भी सुधरेगा।

5. ग्रीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी


वैश्विक टेक-ट्रेंड्स में ग्रीन टेक, जैसे कि कार्बन कैप्चर, एनर्जी-इफिशियंस, और ग्रीन डेटा सेंटर्स प्रमुख भूमिका में हैं। 


उद्योग अब पर्यावरण-मैत्रीपूर्ण तकनीकों को अपनाकर ऊर्जा लागत कम करने और अपनी कॉर्पोरेट जिम्मेदारी निभाने पर ध्यान दे रहे हैं।



निष्कर्ष: एक टिकाऊ तकनीकी भविष्य की ओर यह स्पष्ट कदम है, जो नवाचार और पर्यावरण सुरक्षा को साथ-साथ आगे बढ़ाता है।


6. एज कंप्यूटिंग और AIoT (AI-Internet of Things)


Edge Computing 2025 तक डेटा प्रोसेसिंग को डिवाइस के करीब स्थानांतरित करने में सहायक है — Gartner के अनुसार, लगभग 75% डेटा एज पर ही जनरेट और प्रोसेस होगा। 


AIoT तकनीक, जहां AI और IoT एक साथ काम करते हैं, महत्त्वपूर्ण ट्रेंड बन चुका है — अनुमान है कि 2025 तक 200 अरब से ज्यादा डिवाइस इंटरनेट से जुड़े होंगे। 



निष्कर्ष: एज-आधारित और स्मार्ट डिवाइस से लैस एक नया युग तकनीकी दुनिया में दस्तक दे चुका है।


समग्र निष्कर्ष


ट्रेंड भारत में स्थिति / महत्व


क्वांटम कंप्यूटिंग QpiAI-Indus और नेशनल क्वांटम मिशन के साथ बड़ी छलांग

डेटा सेंटर विस्तार क्षमता दोगुनी, इंडियाज डिजिटल ग्रोथ का आधार

5G-एडवांस अगले स्तर की नेटवर्किंग, भविष्यिशील एप्लिकेशन के लिए ज़रूरी

NBM 2.0 ग्रामीण क्षेत्रों में तेज इंटरनेट और डिजिटल समानता

ग्रीन टेक स्थायीत्व और इको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी का अवतरण

एज कंप्यूटिंग / AIoT स्मार्ट और रीयल-टाइम डिवाइसेज़ का युग आरंभ

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